TDS New Rules – FD धारकों के लिए खुशखबरी है! केंद्र सरकार ने TDS यानी टैक्स डिडक्शन एट सोर्स के नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे करोड़ों निवेशकों को सीधा फायदा मिलने वाला है। खास बात ये है कि ये नया नियम 15 अक्टूबर 2025 से लागू होगा और इसका असर सीधे आपकी एफडी की कमाई पर पड़ेगा। पहले जहां एक निश्चित सीमा के बाद TDS कटता था, अब उसमें राहत दी गई है। यह बदलाव खासकर उन लोगों के लिए राहत लेकर आया है जो रिटायरमेंट या सेविंग के लिए बैंक एफडी में निवेश करते हैं। सरकार का उद्देश्य है कि छोटे निवेशकों को टैक्स से बचाकर ज्यादा ब्याज का लाभ मिल सके। इस नए नियम से निवेशकों के खातों में ज्यादा ब्याज की राशि जमा होगी और रिटर्न में कटौती कम होगी। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह नया नियम क्या है, किसे फायदा मिलेगा और आप इस मौके का लाभ कैसे उठा सकते हैं।

15 अक्टूबर 2025 से लागू होंगे नए TDS नियम, भारत के FD निवेशकों को मिलेगा फायदा
भारत सरकार ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर कटने वाले TDS नियमों में अहम बदलाव किया है, जो 15 अक्टूबर 2025 से प्रभाव में आएगा। नए नियम के तहत अब FD पर ब्याज की कट-ऑफ लिमिट बढ़ा दी गई है, यानी अब पहले से ज्यादा ब्याज कमाने के बावजूद टैक्स नहीं कटेगा। अभी तक जहां ₹40,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000) तक ब्याज पर TDS नहीं कटता था, वहीं अब यह लिमिट बढ़ाई जा सकती है। यह राहत उन छोटे और मध्यम वर्ग के निवेशकों के लिए है जो FD को सेविंग का मुख्य जरिया मानते हैं। इससे बैंक में जमा राशि पर उन्हें ज्यादा ब्याज मिलेगा और सालाना रिटर्न पर टैक्स की मार से राहत भी। सरकार का यह कदम साफ तौर पर निवेश को प्रोत्साहित करने और टैक्स ढांचे को सरल बनाने की दिशा में उठाया गया है।
FD पर अब नहीं कटेगा ज्यादा टैक्स, नए नियम से मिलेगा ज्यादा ब्याज का लाभ
नए TDS नियमों के तहत अब FD धारकों को अधिक ब्याज मिलेगा क्योंकि टैक्स कटौती कम हो जाएगी। पहले बैंक 10% TDS काट लेते थे अगर साल भर में ब्याज ₹40,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹50,000) से अधिक होता था। लेकिन अब उस सीमा को बढ़ाकर ₹75,000 या ₹1,00,000 करने का प्रस्ताव है। इसका सीधा फायदा ये होगा कि निवेशक बिना टैक्स कटे ज्यादा ब्याज पा सकेंगे। खासकर वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनधारकों के लिए यह बहुत राहत देने वाला कदम है, जो नियमित आय के लिए FD पर निर्भर रहते हैं।
FD धारकों के लिए टैक्स छूट की सीमा बढ़ना क्यों है अहम?
FD पर TDS छूट की सीमा बढ़ाना इसलिए अहम है क्योंकि यह सीधे उन लोगों को फायदा पहुंचाता है जो रिटायरमेंट के बाद या कम जोखिम वाले निवेश विकल्प चुनते हैं। भारत में करोड़ों लोग अपनी बचत को सुरक्षित रखने के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट को प्राथमिकता देते हैं। लेकिन जब FD से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स कट जाता है, तो असली रिटर्न कम हो जाता है। नए नियम के तहत जब TDS छूट की सीमा बढ़ेगी, तो निवेशक पहले से ज्यादा ब्याज अर्जित कर पाएंगे और सालाना टैक्स की जटिलता भी कम होगी।
अब निवेश करें सोच-समझकर, फॉर्म 15G और 15H से मिलेगा अतिरिक्त लाभ
नए TDS नियमों के तहत अगर आपकी कुल सालाना आय टैक्सेबल सीमा से नीचे है, तो आप फॉर्म 15G (60 साल से कम आयु) और फॉर्म 15H (60 साल से अधिक आयु) भरकर पूरी तरह से TDS से बच सकते हैं। ये फॉर्म बैंक में जमा कर देने से वह आपके FD ब्याज पर TDS नहीं काटेगा, जिससे आपकी कमाई सुरक्षित रहेगी। ध्यान दें कि ये फॉर्म हर वित्त वर्ष की शुरुआत में भरना जरूरी होता है।