श्री शनि चालीसा लिरिक्स | shri Shani chalisa pdf download |

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Shri shani chalisa pdf शनिदेव हिंदू धर्म में पूजनीय और शक्तिशाली देवता माने जाते हैं। वह न्याय के देवता हैं और कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनिदेव की कृपा पाने के लिए उनकी चालीसा का पाठ अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस लेख में हम शनिदेव चालीसा की महिमा, लाभ और पाठ विधि के बारे में विस्तार से जानेंगे।

श्री शनि चालीसा

|| दोहा ||

जयहु शनि देव दयाल, कृपा करो रखवार।

मोरी गाढ़ी विघ्न हरहुं, भक्तन उबार॥

||चौपाई ||

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।

दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥

जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महराज।

करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥

जयति जयति शनिदेव दयाला।

करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥

चारि भुजा तनु श्याम विराजै।

माथे रतन मुकुट छवि छाजै॥

परम विशाल मनोहर भाला।

टेक रहीम अति सुथरा साला॥

नीलांबर धारण करैं।

डाटे रत्न मंडल सब धरै॥

माणिक मुद्रिका शोभित हाथा।

धरै गदा त्रिशूल कर त्राता॥

ग्रहन कच्चक चाल दिखावा।

यम के दूतो को भय भवावा॥

गमन चलै मंडल रवि के पास।

सुर नर मुनिजन लागहिं त्रास॥

गिरिजा के समान दया करते।

कृपा करो त्रिभुवन के स्वामी॥

जो यह शनि चालीसा गावे।

होहु संतुष्ट कृपा का पावे॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ाए।

सदा हीं दर नाथ धूप दे बिठाए॥

शनि देव यह पाठ सुनावे।

सकल अमंगल दूर भगावे॥

नाथ कृपा जब भक्त आपारी।

विनती करे सदा सुखकारी॥

सूर्य पुत्र जब प्रकट भयो।

भगत त्रिभुवन तप सब भयो॥

नाम आपका औघड़ राया।

कृपा सदा करि सब ही लाय॥

इस प्रकार शनिदेव की चालीसा का पाठ करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

शनिदेव चालीसा की महिमा

शनिदेव चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। यह चालीसा भक्तों को शनिदेव के प्रकोप से बचाने और उनकी कृपा पाने का एक माध्यम है। शनिदेव की चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह चालीसा शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करने में भी सहायक होती है।

शनिदेव चालीसा का पाठ करने के लाभ

1. कर्मों का फल: शनिदेव न्याय के देवता हैं और कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनिदेव चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के गलत कर्मों का प्रभाव कम हो सकता है और उसे अच्छे कर्मों का फल प्राप्त होता है।

2. विपत्तियों से मुक्ति: शनिदेव चालीसा का पाठ व्यक्ति को जीवन में आने वाली विपत्तियों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। शनिदेव की कृपा से जीवन की कठिनाइयों और बाधाओं का समाधान होता है।

3. धन और समृद्धि: शनिदेव चालीसा का पाठ करने से धन और समृद्धि प्राप्त होती है। यह चालीसा व्यक्ति के आर्थिक समस्याओं का समाधान करती है और उसे धन की प्राप्ति होती है

4. स्वास्थ्य: शनिदेव चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है। यह चालीसा शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मानी जाती है।

शनिदेव चालीसा पाठ विधि

शनिदेव चालीसा का पाठ करने के लिए विशेष विधि का पालन करना आवश्यक है:

1. स्वच्छता: सबसे पहले, स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें। शनिदेव की पूजा में स्वच्छता का विशेष महत्व है।

2. शनिवार का दिन: शनिदेव चालीसा का पाठ करने के लिए शनिवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन का पाठ शनिदेव की विशेष कृपा दिलाता है।

3. दीपक जलाएं: शनिदेव की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं और उन्हें नीले या काले फूल अर्पित करें

4. चालीसा पाठ: अब शनिदेव चालीसा का पाठ करें। यह पाठ मन और वाणी की शुद्धता के साथ किया जाना चाहिए। पाठ के दौरान शनिदेव से अपने कष्टों और समस्याओं का समाधान करने की प्रार्थना करें।

5. प्रसाद वितरण: अंत में शनिदेव को अर्पित किए गए प्रसाद को सभी भक्तों में बांट दें और स्वयं भी ग्रहण करे

शनिदेव चालीसा का पाठ व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाओं और समस्याओं को दूर करने में अत्यंत प्रभावी है। नियमित रूप से शनिदेव चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और वह जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का अनुभव करता है। अतः शनिदेव की उपासना और चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।

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