सोशल मीडिया की भ्रमित करने वाली खबर: सेविंग अकाउंट पर 7% ब्याज Saving Account New Rule

Saving Account New Rule सोशल मीडिया के दौर में जहां हर जानकारी कुछ ही सेकेंड में वायरल हो जाती है, वहीं कई बार भ्रामक और झूठी खबरें भी तेजी से फैल जाती हैं। हाल ही में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि सेविंग अकाउंट पर अब सरकार 7% का ब्याज देने जा रही है। इस खबर ने लाखों लोगों को चौंका दिया, क्योंकि आमतौर पर सेविंग अकाउंट पर 3% से 4% ब्याज ही मिलता है। लोगों ने इस खबर को सच मानकर अलग-अलग बैंकों में अकाउंट खोलने की तैयारी तक शुरू कर दी। लेकिन सच्चाई कुछ और है। दरअसल, यह खबर पूरी तरह से भ्रामक है और इसका कोई आधिकारिक आधार नहीं है। न ही RBI और न ही किसी बैंक की तरफ से ऐसी कोई घोषणा की गई है। ऐसे में जरूरी है कि हम सोशल मीडिया पर फैली हर जानकारी पर आंख मूंदकर भरोसा न करें और पहले उसकी पुष्टि करें।

Saving Account New Rule
Saving Account New Rule

क्या है वायरल खबर का दावा?

वायरल पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अब सभी सेविंग अकाउंट्स पर 7% ब्याज मिलेगा। यह पोस्ट खासतौर पर व्हाट्सएप, फेसबुक और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर तेज़ी से फैलाई जा रही है। इसमें लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे अपने पुराने अकाउंट्स को अपडेट करें या नए सेविंग अकाउंट्स खुलवाएं, ताकि उन्हें बढ़ा हुआ ब्याज मिल सके। इतना ही नहीं, कुछ वीडियो में यह भी बताया गया कि यह नियम अक्टूबर 2025 से लागू हो चुका है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि RBI ने अपनी वेबसाइट या प्रेस रिलीज़ में ऐसी कोई घोषणा नहीं की है। कई बैंकिंग विशेषज्ञों ने भी इस दावे को गलत बताया है और इसे अफवाह करार दिया है।

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सच्चाई क्या है? क्या 7% ब्याज सच में मिल रहा है?

असलियत यह है कि सेविंग अकाउंट पर 7% ब्याज देने की कोई स्कीम फिलहाल भारत में लागू नहीं हुई है। ज्यादातर सरकारी और प्राइवेट बैंक सेविंग अकाउंट पर 2.70% से लेकर 4% तक ब्याज दे रहे हैं। कुछ छोटे फाइनेंस बैंक या डिजिटल बैंक विशेष शर्तों के तहत 6% तक का ब्याज ऑफर कर सकते हैं, लेकिन वह भी हर खाते पर नहीं मिलता। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही 7% ब्याज वाली खबर न तो किसी गवर्नमेंट गजट का हिस्सा है और न ही कोई बैंकिंग नियम में इसका उल्लेख है। इसलिए आम लोगों को सलाह दी जाती है कि ऐसी भ्रामक जानकारियों से बचें और किसी भी बैंकिंग या फाइनेंशियल फैसले से पहले आधिकारिक वेबसाइट या बैंक शाखा से जानकारी प्राप्त करें।

सोशल मीडिया पर अफवाहें क्यों फैलती हैं?

सोशल मीडिया की ताकत जितनी अधिक है, उतनी ही अधिक जिम्मेदारी भी उससे जुड़ी है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि आजकल कई लोग बिना जानकारी की पुष्टि किए पोस्ट को शेयर कर देते हैं। इससे भ्रम फैलता है और कई बार आर्थिक नुकसान भी हो सकता है। 7% ब्याज वाली खबर भी इसी तरह की अफवाह है, जिसे लोगों ने वायरल कर दिया।

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कैसे करें असली और नकली खबर की पहचान?

भ्रामक खबरों से बचने के लिए सबसे पहले हमें यह आदत डालनी होगी कि हम किसी भी खबर को आंख मूंदकर न मानें। जब भी कोई बड़ी या चौंकाने वाली जानकारी मिले, तो सबसे पहले उस खबर की पुष्टि सरकारी वेबसाइट, बैंक की ऑफिशियल साइट या विश्वसनीय न्यूज़ चैनलों से करें। साथ ही ऐसे यूट्यूब चैनल या सोशल पेज से बचें जो बार-बार नई अफवाहें फैलाते हैं।

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