LPG Gas Price News – एलपीजी गैस की कीमतों में आज से बड़ा बदलाव देखने को मिला है। तेल कंपनियों ने 14.2 किलोग्राम के घरेलू सिलेंडर की नई दरें लागू कर दी हैं, जिससे अब लोगों के मासिक बजट पर असर पड़ सकता है। कुछ शहरों में एलपीजी की कीमतों में मामूली गिरावट हुई है, जबकि कई जगहों पर कीमतें बढ़ाई गई हैं। सरकार हर महीने की शुरुआत में रिवीजन करती है, और अक्टूबर 2025 के लिए भी नई दरें आज से लागू हो गई हैं। आम उपभोक्ताओं के लिए यह बदलाव त्योहारों से पहले राहत या बोझ दोनों हो सकता है। विशेष रूप से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे महानगरों में दामों का अंतर देखा गया है। अब उपभोक्ताओं को यह जानना जरूरी है कि उनके शहर में एलपीजी की नई कीमत क्या है और सब्सिडी का क्या असर पड़ेगा। इस बदलाव से ग्रामीण इलाकों में भी उपभोक्ताओं की जेब पर असर देखने को मिल सकता है।

एलपीजी गैस सिलेंडर के नए दामों की पूरी जानकारी
तेल कंपनियों ने हर राज्य और शहर के लिए अलग-अलग दरें जारी की हैं। दिल्ली में 14.2 किलो एलपीजी सिलेंडर की नई कीमत लगभग ₹920 तय की गई है, जबकि मुंबई में यह ₹910, कोलकाता में ₹940 और चेन्नई में ₹935 तक पहुंच गई है। वहीं, इंडियन ऑयल, एचपीसीएल और बीपीसीएल जैसी प्रमुख कंपनियों ने औद्योगिक सिलेंडरों की कीमतों में भी संशोधन किया है। इस बदलाव का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और डॉलर की विनिमय दर बताई जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले महीनों में एलपीजी की दरों में और भी संशोधन हो सकता है यदि कच्चे तेल के दाम बढ़ते रहे। सरकार एलपीजी सब्सिडी पर निगरानी रख रही है ताकि गरीब वर्ग को राहत मिलती रहे।
सरकार की सब्सिडी नीति और उपभोक्ता पर असर
एलपीजी की कीमतों में बदलाव के साथ सरकार की सब्सिडी नीति भी चर्चा में आ गई है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों को ₹300 तक की सब्सिडी दी जा रही है, जो पहले ₹200 थी। इस बढ़ोतरी का उद्देश्य त्योहारों के मौसम में आम लोगों को राहत देना है। हालांकि, कई उपभोक्ताओं का कहना है कि सब्सिडी के बावजूद बढ़ती कीमतों ने घरेलू बजट बिगाड़ दिया है। कई राज्यों में सब्सिडी का सीधा लाभ उपभोक्ताओं के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से पहुंचाया जा रहा है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, सब्सिडी नीति का लाभ केवल वास्तविक जरूरतमंद परिवारों को मिलना चाहिए ताकि सरकारी खर्च का सही उपयोग हो सके।
आने वाले महीनों में एलपीजी दरों का संभावित रुझान
विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में एलपीजी की कीमतें स्थिर रह सकती हैं यदि वैश्विक बाजार में तेल के दामों में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता। वहीं, सर्दियों के मौसम में मांग बढ़ने की संभावना है, जिससे दरें फिर बढ़ सकती हैं। सरकार भी अंतरराष्ट्रीय बाजार के साथ तालमेल बनाए रखने की कोशिश कर रही है ताकि घरेलू उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ न पड़े। कई उपभोक्ता अब एलपीजी की जगह इंडक्शन कुकर या सौर ऊर्जा विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सब्सिडी जारी रही और क्रूड ऑयल के दाम नियंत्रित रहे, तो अगले तीन महीनों तक कीमतों में स्थिरता देखी जा सकती है।
उपभोक्ताओं के लिए जरूरी सलाह और विकल्प
एलपीजी उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने इलाके की कीमतों की नियमित जांच करें और सब्सिडी से संबंधित जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइटों या मोबाइल ऐप का उपयोग करें। यदि सब्सिडी का लाभ नहीं मिल रहा है, तो उपभोक्ता डीबीटी हेल्पलाइन या निकटतम गैस एजेंसी से संपर्क कर सकते हैं।