जमीन खरीदने से पहले जानें ये 5 जरूरी दस्तावेज और रजिस्ट्री की प्रक्रिया Land Registry New Rule

Land Registry New Rule – जब भी कोई व्यक्ति जमीन खरीदने की सोचता है, तो उसके मन में सबसे पहला सवाल यही आता है कि कौन-कौन से दस्तावेज़ जरूरी होंगे और रजिस्ट्री की प्रक्रिया क्या होती है। आज के समय में जमीन खरीदना एक बड़ा निवेश होता है, ऐसे में किसी भी प्रकार की गलती आपके लाखों रुपये डुबो सकती है। भारत में जमीन खरीदने को लेकर कई कानून और नियम बने हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी होता है। कई बार बिना सही जानकारी के लोग गलत दस्तावेजों पर भरोसा कर बैठते हैं या रजिस्ट्री प्रक्रिया को हल्के में ले लेते हैं, जिससे बाद में कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी वजह से जमीन खरीदने से पहले कुछ जरूरी दस्तावेज़ और नई रजिस्ट्री प्रक्रिया को समझ लेना आवश्यक हो जाता है।

Land Registry New Rule
Land Registry New Rule

भारत में जमीन खरीदने से पहले जरूरी 5 दस्तावेजों की पूरी जानकारी

जमीन खरीदने से पहले कुछ ऐसे दस्तावेज हैं जिनकी जांच करना बेहद जरूरी होता है, ताकि भविष्य में किसी विवाद या धोखाधड़ी से बचा जा सके। पहला है जमीन का टाइटल डीड (Title Deed), जिससे यह साबित होता है कि जमीन किसके नाम पर है और मालिक का अधिकार सही है या नहीं। दूसरा महत्वपूर्ण दस्तावेज है 7/12 उतारा या खसरा खतौनी, जिससे जमीन का क्षेत्रफल, किस्म, और उपयोग की जानकारी मिलती है। तीसरा है एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट (Encumbrance Certificate), जो यह दर्शाता है कि जमीन पर कोई कर्ज या कानूनी रोक तो नहीं है। चौथा दस्तावेज है सैल डीड ड्राफ्ट (Sale Deed Draft), जो जमीन खरीदने-बेचने का कानूनी दस्तावेज होता है।

Also read
एटीएम कार्ड धारक ATM से पैसा निकालने से पहले जान ले ये RBI का नया नियम और गाइडलाइन - ATM Crad New Rule एटीएम कार्ड धारक ATM से पैसा निकालने से पहले जान ले ये RBI का नया नियम और गाइडलाइन - ATM Crad New Rule

Land Registry New Rule: रजिस्ट्री की नई प्रक्रिया क्या कहती है?

भारत सरकार और राज्य सरकारें अब जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। नई रजिस्ट्री प्रक्रिया के तहत अब खरीदार और विक्रेता दोनों की बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा स्टांप ड्यूटी का भुगतान ऑनलाइन करना अनिवार्य हो गया है, जिससे नकली रसीदों का खेल बंद हो सके। साथ ही, रजिस्ट्री के लिए स्लॉट बुकिंग सिस्टम लागू किया गया है, जिससे लंबी कतारों और दलालों से बचा जा सके। नए नियमों में यह भी शामिल है कि रजिस्ट्री से पहले सभी जरूरी दस्तावेजों की ऑनलाइन जांच होगी, और किसी भी तरह की धोखाधड़ी की संभावना को खत्म किया जाएगा।

बायोमेट्रिक और आधार से रजिस्ट्री में कैसे हो रही है बदलाव

नई रजिस्ट्री नियमों में सबसे बड़ा बदलाव बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और आधार कार्ड लिंकिंग को लेकर हुआ है। अब किसी भी जमीन की रजिस्ट्री से पहले खरीदार और विक्रेता दोनों का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे जाली दस्तावेजों या फर्जी पहचान से की जाने वाली रजिस्ट्री को रोका जा सके। यह प्रक्रिया डिजिटल फिंगरप्रिंट और फोटो पहचान के माध्यम से पूरी की जाती है। साथ ही, आधार कार्ड को रजिस्ट्री के समय अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होता है, जिससे नागरिक की पहचान प्रमाणित हो सके।

Also read
पीएम विश्वकर्मा योजना के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू PM Vishwakarma Yojana Registration पीएम विश्वकर्मा योजना के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू PM Vishwakarma Yojana Registration

कागजात में पारदर्शिता लाने के लिए ई-स्टांप सिस्टम का इस्तेमाल

रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए अब ई-स्टांप पेपर का प्रयोग अनिवार्य कर दिया गया है। पहले जहां नकली स्टांप पेपर या अधिक दर पर बेचे जाने वाले स्टांप पेपर आम थे, वहीं अब सरकार द्वारा अधिकृत पोर्टल से सीधे ई-स्टांप खरीदे जा सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल है और इसमें हर स्टांप का यूनिक आईडी नंबर होता है, जिससे कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। ई-स्टांप का लाभ यह है कि इसमें पैसे की हेराफेरी की संभावना खत्म हो जाती है और सरकार को सही टैक्स प्राप्त होता है।

Share this news: