durga maaआरती आरती जय अम्बे गौरी || jai ambe gori aarti || देवी माँ की शक्ति और कृपा का गान By rajmona369@gmail.com Published August 20, 2024 Share SHARE jai ambe gori arti – आरती दुर्गा जी की: देवी माँ की शक्ति और कृपा का गान “आरती दुर्गा जी की” देवी दुर्गा की महिमा का गुणगान करती है, जो उनकी शक्ति, कृपा और भक्तों की सभी विपत्तियों को हरने की क्षमता को उजागर करती है। आरती दुर्गा जी की : jai ambe gori durga maa ki arti जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी। तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ जय अम्बे गौरी माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को। उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको॥ जय अम्बे गौरी कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै। रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै॥ जय अम्बे गौरी केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी। सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥ जय अम्बे गौरी कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती। कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति॥ जय अम्बे गौरी शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती। धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥ जय अम्बे गौरी चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे। मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥ जय अम्बे गौरी ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी। आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी॥ जय अम्बे गौरी चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ। बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु॥ जय अम्बे गौरी तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता। भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता॥ जय अम्बे गौरी भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी। मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी॥ जय अम्बे गौरी कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती। श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति॥ जय अम्बे गौरी श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै। कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै॥ जय अम्बे गौरी अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती। तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पड़ो मां करके सिंह सवारी॥ सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली, दुष्टों को तू ही ललकारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ माँ-बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता। पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥ सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली, दुखियों के दुखड़े निवारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना। हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना॥ सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली, सतियों के सत को संवारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥ चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली। वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥ माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली, भक्तों के कारज तू ही सारती। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती हनुमान आरती : bajrang bali ki art You Might Also Like aarti lakshmi ji ki – लक्ष्मी जी की आरती pdf श्री हनुमान आरती : bajrang bali ki arti pdf श्री दुर्गा सप्तशती 10 प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण श्लोक Shiv arti hindi – जय शिव ओंकारा आरती pdf आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की || kunj bihari arti pdf || महत्व TAGGED:durga maa arti durga maa durga durga maa durga maa 2024 maa durga IMAGE Jai ambe gori Jai ambe gori arti Jai ambe gori maa ki artidurga maa ki artidurga pujamother durga Share This Article Facebook Twitter Email Print Previous Article ॐ जय जगदीश हरे आरती || aarti om jai jagdish pdf ||भक्ति और आस्था की अद्वितीय मिसाल Next Article आरती कीजै हनुमान लला की || aarti kije hanuman lala ki || hanuman aarti lyrics 1 Comment Pingback: 108 gayatri mantr in English : गायत्री मंत्र: आध्यात्मिकता का शाश्वत स्रोत - hanumanchalisha.in Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. Δ