विघ्नहर्ता श्री गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए यहां गणेश आरती का पूर्ण हिंदी पाठ, आरती का महत्व, विधि एवं लाभ सरल भाषा में दिया गया है। इसे आप प्रिंट कर घर के पूजा स्थल पर रख सकते हैं।

गणेश आरती का महत्व
हिन्दू परंपरा में किसी भी शुभ कार्य से पहले प्रथम पूज्य भगवान गणेश की आराधना की जाती है। गणेश आरती का नियमित पाठ करने से नकारात्मकता दूर होती है, आत्मविश्वास बढ़ता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। गणेश चतुर्थी, संकष्टि चतुर्थी, सोमवार-संवत्सरी जैसे विशेष अवसरों पर यह आरती विशेष फलदायी मानी जाती है।
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- विघ्न-बाधाओं का निवारण और कार्यों में सफलता।
- मानसिक शांति, एकाग्रता तथा सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि।
- परिवार में सौहार्द और समृद्धि का वास।
- भक्त के जीवन में शुभता और मंगलमय वातावरण।
गणेश जी की आरती — पूरा हिंदी पाठ
नीचे “जय गणेश देवा” आरती का संपूर्ण पाठ दिया है। श्रद्धा और नियमपूर्वक पाठ करें:
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥एकदन्त दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
पान चढ़े, फल चढ़े, और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥अंधन को आँख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा,
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
आरती के बाद ‘ॐ गणेशाय नमः’ मंत्र का 11, 21 या 108 बार जप करना कल्याणकारी माना जाता है।
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आरती करने की सरल विधि
- शुद्धता: साफ स्थान पर पूजा आसन बिछाकर श्री गणेश की प्रतिमा अथवा चित्र स्थापित करें।
- सामग्री: दीपक, धूप, कुमकुम-सिंदूर, अक्षत, पुष्प, दूर्वा, लड्डू अथवा कोई भी नैवेद्य रखें।
- संकल्प: मन को शांत कर आरती आरंभ से पहले श्री गणेश का स्मरण करें।
- पाठ: दीपक दिखाते हुए ऊपर लिखित आरती का श्रद्धापूर्वक पाठ करें।
- प्रार्थना: अंत में अपने एवं परिवार के मंगल की प्रार्थना करें और प्रसाद वितरित करें।
आरती पाठ के लाभ
- अटकते कार्यों में गति और निर्णयों में स्पष्टता आती है।
- व्यापार, करियर और अध्ययन में अनुकूलता का अनुभव होता है।
- नकारात्मक विचार, भय और तनाव में कमी महसूस होती है।
- घर-परिवार में शांति और सौभाग्य का वास होता है।
PDF रूप में रखने के फायदे
प्रार्थना-पाठ के लिए आरती का PDF रखना सुविधाजनक है—यह ऑफ़लाइन भी काम आता है, मोबाइल/टैबलेट/कंप्यूटर पर साफ पढ़ा जा सकता है और आवश्यकता पर तुरंत प्रिंट किया जा सकता है। आप घर के मंदिर, ऑफिस डेस्क या यात्रा के दौरान भी सहजता से पाठ कर पाएँगे।
छोटे-छोटे अनुशासन
- संभव हो तो प्रतिदिन प्रातः या सायं नियत समय पर आरती करें।
- आरती के दौरान मन, वचन और कर्म को यथासंभव सात्विक रखें।
- प्रसाद और जल का सम्मानपूर्वक विभाजन करें।
- विशेष तिथियों पर व्रत-उपवास और गणेश मंत्र-जप के साथ आरती करें।
