नई GST के लागू होने बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ी बदलाव Petrol Diesel Price

Petrol Diesel Price – नई GST व्यवस्था के लागू होने के बाद भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। सरकार ने लंबे समय से पेट्रोलियम उत्पादों को GST के दायरे में लाने पर विचार किया था, और अब 2025 की शुरुआत में यह कदम उठाया गया है। इसके लागू होने से राज्य और केंद्र सरकार द्वारा वसूले जाने वाले अलग-अलग टैक्स समाप्त कर दिए गए हैं, जिससे कीमतों में पारदर्शिता आई है। हालांकि कुछ राज्यों में यह फैसला विरोध का कारण भी बना है क्योंकि अब राज्य टैक्स लगाने में सक्षम नहीं रहेंगे। उपभोक्ताओं के लिए इसका सीधा असर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ा है—कहीं राहत मिली है, तो कहीं कीमतें बढ़ गई हैं। जहां मेट्रो शहरों में यह कीमतें थोड़ी घटी हैं, वहीं कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ोतरी देखी गई है। कुल मिलाकर, नई GST नीति ने पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों को एक समान बनाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया है, लेकिन इसके असर को पूरी तरह समझने में कुछ और समय लगेगा।

Petrol Diesel Price
Petrol Diesel Price

GST लागू होने से भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर असर

भारत सरकार द्वारा नई GST व्यवस्था के अंतर्गत पेट्रोल और डीजल को शामिल करने से पूरे देश में इन ईंधनों की कीमतों में बदलाव हुआ है। पहले जहां केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकार वैट लगाती थी, वहीं अब एक ही दर पर GST लागू हो रही है। इससे कीमतें राज्य दर राज्य अलग नहीं रह गईं और एक राष्ट्र एक मूल्य की ओर बढ़ने की दिशा में सरकार ने कदम उठाया है। इससे उपभोक्ताओं को कीमतों में स्थिरता और पारदर्शिता देखने को मिल रही है। हालांकि यह भी ध्यान देना जरूरी है कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अब GST की दरें 28% तक तय की गई हैं, जिसके कारण कुछ राज्यों में कीमतें बढ़ गई हैं। दूसरी ओर, कुछ जगहों पर कुल टैक्स दर पहले से कम होने के कारण कीमतें घट गई हैं। यह नीति दीर्घकालिक लाभ के रूप में देखी जा रही है, लेकिन इसकी सफलता इस पर निर्भर करेगी कि राज्य सरकारें इसे कितनी जल्दी और प्रभावी ढंग से लागू करती हैं।

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उपभोक्ताओं को राहत या बोझ? नई कीमतों का विश्लेषण

नई GST व्यवस्था के तहत पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आए बदलाव का उपभोक्ताओं पर मिला-जुला असर पड़ा है। कुछ राज्यों में जहां पहले टैक्स की दरें अधिक थीं, वहां कीमतों में गिरावट देखी गई है, जिससे आम जनता को राहत मिली है। उदाहरण के तौर पर महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों में पेट्रोल की कीमतों में ₹3 से ₹5 तक की कमी दर्ज की गई। लेकिन दूसरी ओर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में GST के बाद कीमतें बढ़ गई हैं, क्योंकि अब कुल कर भार बढ़ गया है। इससे साफ है कि हर राज्य में बदलाव एक जैसा नहीं है। इसके अलावा, यह भी देखा गया है कि डीजल की कीमतों में वृद्धि का असर ट्रांसपोर्टेशन पर पड़ा है, जिससे आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ने की संभावना है। आने वाले महीनों में उपभोक्ताओं को इस नई व्यवस्था का फायदा या नुकसान स्पष्ट रूप से नजर आएगा।

राज्यवार कीमतों में बदलाव की तुलना

नई GST के बाद विभिन्न राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अलग-अलग रूप में बदली हैं। जहां पहले राज्य सरकारें स्वतंत्र रूप से वैट लगाती थीं, वहीं अब केंद्र द्वारा निर्धारित GST दरों के तहत कीमतें तय हो रही हैं। इसका सबसे बड़ा असर उन राज्यों पर पड़ा है जहां पहले टैक्स कम था—अब उन्हें अधिक दर चुकानी पड़ रही है। उदाहरण के लिए:

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– महाराष्ट्र: पेट्रोल – ₹4 सस्ता, डीजल – ₹2.5 सस्ता
– दिल्ली: पेट्रोल – ₹1.8 महंगा, डीजल – ₹1.2 महंगा
– केरल: पेट्रोल – ₹3.2 सस्ता, डीजल – ₹2.1 सस्ता
– पंजाब: पेट्रोल – ₹2.5 महंगा, डीजल – ₹1.7 महंगा
– गुजरात: पेट्रोल – ₹0.5 सस्ता, डीजल – ₹0.3 सस्ता

इस तालिका से स्पष्ट है कि जिन राज्यों में पहले वैट अधिक था, वहां GST लागू होने से राहत मिली है। लेकिन कम टैक्स वाले राज्यों में कीमतें बढ़ने से जनता नाखुश है। यह नीति अभी परीक्षण के दौर में है, और सरकार को इसके संतुलन हेतु और कदम उठाने पड़ सकते हैं।

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भविष्य में कीमतें कैसे नियंत्रित होंगी?

GST लागू होने के बाद सरकार के पास अब पेट्रोल-डीजल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एक केंद्रीकृत सिस्टम मौजूद है। इससे टैक्स में पारदर्शिता तो आई ही है, साथ ही भविष्य में तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव को भी कम किया जा सकेगा। सरकार अब अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के दामों के अनुसार एक समान GST दर को संशोधित कर सकती है जिससे उपभोक्ताओं पर भार कम पड़े। साथ ही, केंद्र और राज्य के बीच कर संग्रह की हिस्सेदारी तय होने से राज्यों को राजस्व की चिंता भी कम होगी। लेकिन यह तभी संभव है जब GST परिषद सभी पक्षों की सहमति से लगातार बैठकें करे और आवश्यक संशोधन लागू करे। इसके अलावा, पेट्रोल-डीजल को पूरी तरह बाजार के हवाले करने की बजाय एक संतुलित नीति अपनानी होगी जो उपभोक्ता और सरकार दोनों के हित में हो। कुल मिलाकर, GST के तहत पेट्रोल-डीजल मूल्य निर्धारण में भारत अब एक नए युग की ओर बढ़ रहा है।

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