श्री राम स्तुति || Shri Ram stuti || ram stuti pdf
भजो रे मन, रामचरन सुन्दर।
श्री रामचंद्र कृपालु भज मन, हरण भव भय दारुणम्।
नव कंज लोचन, कंज मुख, कर कंज, पद कंजारुणम्॥
कन्दर्प अगणित अमित छवि, नवनील नीरद सुन्दरम्।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि, शुचि नौमि जनक सुतावरम्॥
भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्यवंश निकंदनम्।
रघुनंद आनन्दकंद कोसलचंद्र दशरथ नंदनम्॥
शिर मय त्रिपुरारि भमनोऽरुं चपल धवल दिव्य रूपम्।
रावण दमनं अरिरण सुखदं, स्मरनं निरन्तर भवसमार्ग्यं॥
ध्यान करें सुमन आगर, सेवा करो श्रीराम की।
लखन सिया सब संग समारा, कृपा करो हे रघुकुल नायक॥
श्री रामचंद्र कृपालु भज मन, हरण भव भय दारुणम्।
नव कंज लोचन, कंज मुख, कर कंज, पद कंजारुणम्॥
यह स्तुति श्री राम के प्रति भक्ति और श्रद्धा प्रकट करने के लिए गायी जाती है।
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