Ration Card New Rules – भारत सरकार ने 2025 के लिए राशन कार्ड के नए नियम जारी किए हैं, जिनका असर लाखों परिवारों पर पड़ेगा। अब मुफ्त गेहूँ और चावल का लाभ हर किसी को नहीं मिलेगा, बल्कि यह सुविधा केवल उन्हीं लोगों तक सीमित रहेगी जो वास्तव में जरूरतमंद हैं। सरकार ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में लाभार्थियों की दोबारा जांच करें ताकि फर्जी कार्डधारकों को हटाया जा सके। इस निर्णय का उद्देश्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाना और असली गरीब परिवारों तक मदद पहुँचाना है। जिन लोगों की आय सीमा सरकारी मानकों से अधिक होगी, उन्हें अब मुफ्त राशन नहीं दिया जाएगा। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि सरकारी संसाधनों का सही उपयोग हो सके और हर पात्र नागरिक को उसका हक मिल सके।

नए नियमों में किन्हें मिलेगा लाभ?
सरकार ने स्पष्ट किया है कि 2025 में फ्री राशन केवल उन्हीं परिवारों को मिलेगा जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत पात्र हैं। इनमें बीपीएल कार्डधारक, अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थी, विधवा महिलाएं, दिव्यांग व्यक्ति और असंगठित क्षेत्र के पंजीकृत मजदूर शामिल हैं। जिन लोगों के परिवार में सरकारी नौकरी है या जिनकी मासिक आय तय सीमा से अधिक है, उन्हें अब इस योजना से बाहर कर दिया जाएगा। इस बार राज्यों को कहा गया है कि वे प्रत्येक राशन कार्ड की डिजिटल जांच करें और लाभार्थियों की सूची को अपडेट करें। सरकार का मानना है कि यह प्रक्रिया केवल जरूरतमंदों को ही लाभ पहुंचाने में मदद करेगी और गलत लाभ लेने वालों को रोक सकेगी।
राशन वितरण में क्या बदलाव होंगे?
नए नियमों के तहत राशन वितरण प्रणाली को और मजबूत और तकनीकी बनाया जा रहा है। सभी राशन दुकानों में अब ई-पॉइंट ऑफ सेल मशीनें अनिवार्य की जाएंगी, जिनसे लाभार्थियों की पहचान आधार से की जाएगी। अब हर कार्डधारक को राशन लेते समय बायोमेट्रिक सत्यापन कराना होगा। सरकार का कहना है कि इससे फर्जी लेन-देन खत्म होंगे और राशन सही व्यक्ति तक पहुँचेगा। इसके अलावा हर महीने की वितरण रिपोर्ट ऑनलाइन पोर्टल पर सार्वजनिक की जाएगी ताकि कोई भी नागरिक जानकारी देख सके। यह कदम भ्रष्टाचार पर रोक लगाने और योजना की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।
मिलने वाले अनाज की मात्रा और नियम
नए नियमों के अनुसार पात्र परिवारों को प्रति व्यक्ति प्रति माह पाँच किलो अनाज मिलेगा, जिसमें तीन किलो गेहूँ और दो किलो चावल शामिल होंगे। वहीं अंत्योदय परिवारों को पहले की तरह पैंतीस किलो अनाज दिया जाएगा। राज्य सरकारें चाहें तो अपनी योजनाओं के तहत अतिरिक्त राशन भी उपलब्ध करा सकती हैं। जिन लोगों के कार्ड की जांच में गड़बड़ी पाई जाएगी, उन्हें राशन सूची से हटा दिया जाएगा। इस नियम से सरकार को करोड़ों रुपये की बचत होने की उम्मीद है, जिसे अन्य सामाजिक योजनाओं में लगाया जा सकेगा।
पात्रता की जांच और आवेदन प्रक्रिया
लाभार्थियों को अपनी पात्रता जांचने के लिए सरकारी वेबसाइट या अपने राज्य के खाद्य विभाग की पोर्टल पर जाना होगा। वहां राशन कार्ड नंबर डालकर वे यह देख सकते हैं कि उनका नाम फ्री राशन सूची में है या नहीं। जिनका नाम नहीं है, वे आवश्यक दस्तावेज जमा कर दोबारा आवेदन कर सकते हैं। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन की जा सकती है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लोगों को सुविधा मिलेगी। सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना से वंचित न रहे और देश का हर गरीब परिवार समय पर अपना अनाज प्राप्त कर सके।