New GST Rule – सरकार द्वारा नई GST दरों के तहत लिए गए फैसले के बाद अब सीमेंट, सरिया, बालू और गिट्टी जैसी निर्माण सामग्री की कीमतों में बड़ी राहत देखने को मिल रही है। लंबे समय से लगातार महंगाई का सामना कर रहे आम लोगों और निर्माण क्षेत्र से जुड़े व्यापारियों के लिए यह बदलाव एक सुकून भरी खबर है। देशभर में घर बनाने की योजना बना रहे हजारों परिवारों के लिए अब निर्माण लागत में कमी आने से अपने सपनों के आशियाने को साकार करना थोड़ा आसान हो गया है। सरकार ने सीमेंट और सरिया जैसी मूलभूत सामग्रियों पर लगने वाले GST को कम किया है, जिसका सीधा असर खुदरा और थोक बाजारों में देखने को मिल रहा है। पहले जहां सीमेंट का एक बैग ₹440 से ₹460 में बिक रहा था, अब वह ₹390 से ₹430 में मिल रहा है। इसी तरह, सरिया की कीमत ₹57,000 प्रति टन से घटकर ₹54,500–₹55,000 प्रति टन तक पहुंच गई है, जो निर्माण क्षेत्र के लिए एक बड़ी राहत है।

नई GST दरों से भारतीय उपभोक्ताओं को सीधा फायदा
भारत में आम उपभोक्ताओं को नई GST दरों का सीधा लाभ मिल रहा है, खासकर वे लोग जो खुद का घर बनवा रहे हैं या किसी प्रॉपर्टी में निवेश कर रहे हैं। सीमेंट और सरिया की कीमतें घटने से मकान निर्माण की लागत में बड़ी कमी आई है। बालू, गिट्टी और अन्य रॉ मटीरियल की कीमतों में भी कमी देखने को मिली है। बालू अब ₹35–₹45 प्रति घन फीट और गिट्टी ₹55–₹65 प्रति घन फीट पर उपलब्ध है। इस कटौती से सरकार के ‘हर किसी को घर’ के लक्ष्य को भी गति मिलेगी क्योंकि अब सीमित आय वाले लोग भी अपने सपनों का घर बनाने की हिम्मत कर सकते हैं। इसके अलावा, यह गिरावट रियल एस्टेट सेक्टर में नए निवेश को भी बढ़ावा दे रही है, जिससे आर्थिक विकास को भी मजबूती मिलेगी।

छोटे ठेकेदारों और मिस्त्रियों के लिए भी राहत की खबर
नई GST व्यवस्था का लाभ केवल उपभोक्ताओं को ही नहीं, बल्कि छोटे-बड़े ठेकेदारों, मिस्त्रियों और निर्माण सामग्री विक्रेताओं को भी हो रहा है। अब कम लागत में निर्माण कार्य करना संभव हो गया है, जिससे मुनाफे की संभावना बढ़ी है। ठेकेदार अब पहले से अधिक प्रोजेक्ट्स लेने के लिए तैयार हैं क्योंकि लागत में आई गिरावट के चलते वे कम बजट में अधिक कार्य कर सकते हैं। इससे निर्माण कार्यों की गति भी बढ़ी है और समयबद्ध रूप से मकान और अन्य संरचनाएं तैयार हो पा रही हैं।
ग्रामीण भारत में तेजी से बढ़े निर्माण कार्य
गांवों और छोटे कस्बों में पहले निर्माण सामग्री की ऊंची दरों के चलते कई लोग निर्माण से कतराते थे, लेकिन अब बालू, सीमेंट और गिट्टी के सस्ते होने से वहां मकान निर्माण में तेजी देखी जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे सरकारी प्रोजेक्ट्स को भी इससे बड़ी मदद मिल रही है। सरकार के अनुसार, आने वाले महीनों में यदि यह राहत बनी रही तो ग्रामीण विकास की रफ्तार और तेज होगी।
सीमेंट और सरिया की कीमत घटने से निर्माण क्षेत्र में आई नई ऊर्जा
निर्माण क्षेत्र की रीढ़ माने जाने वाले सीमेंट और सरिया की कीमतों में कमी आने से पूरे सेक्टर में नई ऊर्जा और आशा का संचार हुआ है। न केवल रियल एस्टेट, बल्कि रोड कंस्ट्रक्शन, फ्लाईओवर, सरकारी भवनों के निर्माण जैसे सार्वजनिक प्रोजेक्ट्स की लागत में भी बड़ा अंतर देखा गया है। इसका मतलब यह भी है कि सरकार अब पहले से अधिक सार्वजनिक प्रोजेक्ट्स कम बजट में करवा सकती है, जिससे देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को और बल मिलेगा।