8th Pay Commission 2025 – सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बार फिर बड़ी राहत की खबर सामने आ रही है। 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर केंद्र सरकार के भीतर चर्चाएं तेज़ हो चुकी हैं। यह आयोग यदि लागू होता है तो लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को सीधा लाभ मिलेगा। मौजूदा समय में महंगाई और खर्चों के बढ़ते बोझ के बीच लंबे समय से कर्मचारी अपनी सैलरी में सुधार की मांग कर रहे थे। 7वें वेतन आयोग के बाद अब सभी की निगाहें 8वें वेतन आयोग पर टिकी हैं। सूत्रों की मानें तो सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार कर रही है और आगामी महीनों में इस पर बड़ा फैसला आ सकता है। यदि यह आयोग लागू होता है तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी, HRA, TA और अन्य भत्तों में अच्छी-खासी वृद्धि संभव है। इससे न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा, बल्कि वे बचत, निवेश और वित्तीय स्थिरता की दिशा में भी बेहतर फैसले ले पाएंगे। यह फैसला विशेष रूप से ऐसे समय में आ सकता है जब सरकार आम चुनावों की तैयारियों में जुटी है, जिससे यह कदम राजनीतिक रूप से भी फायदेमंद साबित हो सकता है।

केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मिलेगा आर्थिक बल
भारतीय सरकारी कर्मचारियों के लिए यह खबर किसी बोनस से कम नहीं है। अगर 8th Pay Commission लागू किया जाता है तो न्यूनतम सैलरी ₹18,000 से बढ़ाकर ₹26,000 करने का प्रस्ताव है। इससे ग्रुप C और D के कर्मचारियों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी। साथ ही प्रमोशन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाने पर भी विचार चल रहा है। मौजूदा वेतन संरचना में बदलाव के साथ महंगाई भत्ते (DA) की दरों की गणना के फॉर्मूले को भी नया रूप दिया जा सकता है। वित्त मंत्रालय और डीओपीटी के अधिकारियों के बीच इस पर व्यापक चर्चा हो रही है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि आगामी बजट सत्र में सरकार इस मुद्दे पर कोई ठोस घोषणा कर सकती है। र पर ज्यादा पेंशन मिलने लगेगी, जिससे उनके लिए वृद्धावस्था में खर्च संभालना आसान हो जाएगा।
क्या होंगे 8वें वेतन आयोग के प्रमुख फायदे?
8th Pay Commission के लागू होने पर कर्मचारियों को कई फायदे मिल सकते हैं। सबसे पहले, उनकी बेसिक सैलरी में वृद्धि के साथ HRA, DA और TA जैसे भत्तों में भी ऑटोमेटिक इजाफा होगा। इससे कुल मासिक सैलरी में 30% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। दूसरी तरफ ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा बढ़ाई जा सकती है, जिससे रिटायरमेंट के समय मोटा फंड हाथ लगेगा। इसके अलावा, सेवा शर्तों में भी सुधार किया जा सकता है — जैसे कि प्रमोशन नियमों में बदलाव, स्थानांतरण प्रक्रिया को सरल बनाना, और वेतन असमानता को खत्म करना। कुछ विशेषज्ञ यह भी सुझाव दे रहे हैं कि कर्मचारियों के परफॉर्मेंस से जुड़े बोनस सिस्टम को भी नए वेतन आयोग में शामिल किया जाए, ताकि अच्छे प्रदर्शन करने वालों को अतिरिक्त लाभ दिया जा सके।
क्या कहती हैं अंदरूनी रिपोर्ट्स?
हालांकि सरकार की ओर से अभी कोई औपचारिक अधिसूचना नहीं आई है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स और उच्च अधिकारियों के बयानों से साफ संकेत मिल रहे हैं कि 8th Pay Commission को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और वित्त मंत्रालय के बीच इस विषय पर नियमित बैठकें हो रही हैं। कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को वेतन संरचना के विश्लेषण की जिम्मेदारी दी गई है। यह भी बताया जा रहा है कि एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जा सकता है जो मौजूदा सैलरी फ्रेमवर्क की समीक्षा करेगी और नई सिफारिशें तैयार करेगी।