Petrol Diesel Price Update – देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इस बार बड़ी राहत देखने को मिल रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में गिरावट आने के बाद भारत में भी पेट्रोल-डीजल के रेट ₹5.50 रुपये प्रति लीटर तक कम हुए हैं। इस बदलाव से आम जनता को महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है। कई शहरों में अब पेट्रोल ₹94.60 रुपये और डीजल ₹86.20 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। लगातार बढ़ती महंगाई के बीच यह कटौती एक राहतभरी खबर है। सरकार ने संकेत दिए हैं कि आने वाले हफ्तों में और भी कमी संभव है, अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार स्थिर रहता है। इससे परिवहन, कृषि और उद्योग क्षेत्रों में भी लागत घटने की उम्मीद है, जिससे समग्र अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

भारत के प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल की नई कीमतें
तेल विपणन कंपनियों (OMCs) ने नए रेट जारी किए हैं, जो हर सुबह 6 बजे अपडेट किए जाते हैं। दिल्ली में अब पेट्रोल ₹94.76 और डीजल ₹87.04 रुपये प्रति लीटर हो गया है। मुंबई में पेट्रोल ₹104.18 और डीजल ₹92.15 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है। चेन्नई और कोलकाता में भी क्रमशः ₹100.12 और ₹95.32 रुपये प्रति लीटर के आसपास कीमतें दर्ज की गई हैं। इस बार की कटौती ₹5.50 रुपये प्रति लीटर तक की मानी जा रही है, जिससे ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बड़ी राहत मिलेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर कच्चे तेल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहते हैं, तो आने वाले समय में और कमी की संभावना है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में गिरावट के कारण
तेल की कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की मांग घटने और उत्पादन बढ़ने से जुड़ा है। अमेरिका और ओपेक देशों ने उत्पादन में वृद्धि की है, जिससे बाजार में तेल की आपूर्ति बढ़ गई है। इसके अलावा, चीन और यूरोप में आर्थिक मंदी के संकेतों ने मांग को कम कर दिया है। भारत में रुपये की मजबूती और टैक्स में स्थिरता ने भी इस गिरावट में योगदान दिया है। सरकार ने कहा है कि आम जनता को राहत देने के लिए टैक्स स्ट्रक्चर को फिलहाल नहीं बदला जाएगा। इससे पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में स्थिरता बनी रह सकती है।
ग्राहकों पर प्रभाव और संभावित बचत
कीमतों में यह गिरावट सीधे आम जनता की जेब पर असर डाल रही है। जिन लोगों का रोज़ाना वाहन से सफर होता है, उन्हें अब हर महीने ₹500 से ₹700 तक की बचत हो सकती है। इसके अलावा, ट्रांसपोर्ट सेक्टर में किराये घटने से जरूरी वस्तुओं के दाम भी स्थिर हो सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में डीजल की सस्ती दरों से कृषि कार्यों में भी राहत मिलेगी। पेट्रोल-डीजल की इस कमी से आने वाले त्योहारों में उपभोक्ता खर्च बढ़ने की उम्मीद है, जिससे बाजार में रौनक लौट सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट अस्थायी नहीं बल्कि अगले कुछ हफ्तों तक बनी रह सकती है।
आगे क्या बढ़ेगा या और घटेगा दाम?
वित्त विशेषज्ञों के अनुसार, अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 75 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आती हैं, तो पेट्रोल-डीजल के रेट में और ₹2 से ₹3 प्रति लीटर तक की गिरावट संभव है। हालांकि, डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी और टैक्स नीतियों में बदलाव स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं। फिलहाल उपभोक्ताओं को इस गिरावट का पूरा फायदा उठाने की सलाह दी जा रही है। आने वाले हफ्तों में तेल कंपनियां एक बार फिर रिवीजन कर सकती हैं। अगर बाजार स्थिर रहता है, तो नवंबर तक कीमतों में और कमी की घोषणा हो सकती है।