PM Vishwakarma Yojana Registration – प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत देशभर में कारीगरों, दस्तकारों और छोटे उद्यमियों को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे लाखों लोग अब घर बैठे आवेदन कर सकते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को आर्थिक सहयोग और आधुनिक प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इसमें बढ़ई, लोहार, सुनार, नाई, धोबी, मोची, दर्जी और अन्य शिल्पकारों को ₹15,000 तक का टूलकिट अनुदान, ₹3 लाख तक का लोन और प्रशिक्षण भत्ता दिया जाएगा। ऑनलाइन आवेदन के लिए उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करना होगा।

पीएम विश्वकर्मा योजना 2025 के तहत लाभार्थियों के लिए अवसर
पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक ऐसी पहल है जो पारंपरिक व्यवसायों को प्रोत्साहन देने पर केंद्रित है। इस योजना के तहत कारीगरों को वित्तीय सहायता के साथ-साथ प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। लाभार्थियों को ₹1 लाख की पहली किस्त 5% ब्याज दर पर मिलेगी, जबकि दूसरी किस्त ₹2 लाख तक दी जाएगी। साथ ही, उन्हें सरकारी ई-मार्केटप्लेस से जुड़ने और अपने उत्पाद बेचने का अवसर भी मिलेगा। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के छोटे शिल्पकारों को आत्मनिर्भर भारत अभियान से जोड़ना है।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज
पीएम विश्वकर्मा योजना का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अब सरल और पारदर्शी बना दिया गया है। आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को आधार कार्ड, बैंक पासबुक, मोबाइल नंबर और संबंधित व्यवसाय का प्रमाण देना आवश्यक है। आधिकारिक वेबसाइट [https://pmvishwakarma.gov.in](https://pmvishwakarma.gov.in) पर जाकर ‘Apply Online’ विकल्प चुनें और अपनी जानकारी सही तरीके से भरें। आवेदन सत्यापन के बाद पात्र लाभार्थियों को योजना के तहत आर्थिक सहायता दी जाएगी। आवेदक को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके पास जनधन खाता हो ताकि राशि सीधे बैंक में ट्रांसफर की जा सके।
प्रशिक्षण और आर्थिक सहायता के लाभ
सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों को 15 दिनों का मुफ्त प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें उन्हें आधुनिक उपकरणों के उपयोग और डिजिटल मार्केटिंग की जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण पूरा करने पर ₹500 प्रतिदिन के मानदेय के साथ ₹15,000 तक का टूलकिट अनुदान भी मिलेगा। इसके अलावा, पात्र व्यक्ति ₹3 लाख तक का बिना गारंटी वाला ऋण 5% ब्याज दर पर प्राप्त कर सकते हैं। यह योजना आत्मनिर्भर भारत मिशन की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।
पीएम विश्वकर्मा योजना से रोजगार और आत्मनिर्भरता में वृद्धि
यह योजना ग्रामीण भारत के लाखों कारीगरों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि पारंपरिक कला और शिल्प को भी नया जीवन मिलेगा। सरकार का उद्देश्य है कि 2025 तक 30 लाख से अधिक कारीगर इस योजना से जुड़ें। प्रशिक्षण और वित्तीय सहयोग के माध्यम से अब छोटे कारीगर भी अपने काम को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित कर सकेंगे। यह योजना भारत की आत्मनिर्भरता और आर्थिक विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी।