Dairy Farming Loan Apply – देश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर देने के लिए सरकार ने डेरी फार्मिंग लोन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को डेरी यूनिट खोलने के लिए ₹12 लाख तक का लोन बेहद कम ब्याज दर पर दिया जा रहा है। यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो गांव या छोटे कस्बों में डेरी व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। सरकार का उद्देश्य है कि दूध उत्पादन में आत्मनिर्भरता आए और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हों। इस योजना का लाभ महिलाएं, युवा और किसान सभी ले सकते हैं, बशर्ते वे निर्धारित पात्रता शर्तों को पूरा करते हों।

डेरी फार्मिंग लोन योजना 2025 का उद्देश्य
डेरी फार्मिंग लोन योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को प्रोत्साहन देना है। देशभर में सरकार डेयरी उत्पादों की मांग को देखते हुए किसानों को पशुपालन और दूध उत्पादन के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए सहायता कर रही है। इस योजना के अंतर्गत बैंकों द्वारा ₹12 लाख तक का लोन दिया जाता है, जिस पर सरकार की ओर से ब्याज सब्सिडी भी मिलती है। इसके अलावा, डेरी शेड, उपकरण, पशु खरीद और चारा आदि खर्चों के लिए भी वित्तीय सहायता दी जाती है। इस योजना से न केवल रोजगार बढ़ेगा बल्कि दूध उत्पादन में भी वृद्धि होगी जिससे किसानों की आमदनी में सुधार होगा।
डेरी फार्म लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया
डेरी फार्मिंग लोन योजना का आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से किया जा सकता है। इच्छुक आवेदक नजदीकी बैंक शाखा, जिला उद्योग केंद्र या पशुपालन विभाग की वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय आवेदक को आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भूमि दस्तावेज, और परियोजना रिपोर्ट जमा करनी होती है। बैंक द्वारा दस्तावेजों की जांच के बाद लोन स्वीकृत किया जाता है। सरकार इस योजना में लाभार्थियों को जल्द से जल्द वित्तीय सहायता देने के लिए प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बना रही है, ताकि ग्रामीण उद्यमिता को मजबूती मिल सके।
डेरी फार्म लोन योजना की पात्रता और लाभ
डेरी फार्मिंग लोन योजना के तहत वही व्यक्ति आवेदन कर सकता है जिसकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो और जिसके पास डेरी व्यवसाय शुरू करने की क्षमता हो। आवेदक के पास भूमि या किराए पर जगह होना आवश्यक है। सरकार इस योजना में महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को प्राथमिकता देती है। ₹12 लाख तक के लोन पर ब्याज में छूट दी जाती है और कुछ मामलों में अनुदान भी प्रदान किया जाता है। यह योजना किसानों और बेरोजगार युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकते हैं और अपने गांव में ही स्थायी आय का स्रोत तैयार कर सकते हैं।

डेरी फार्मिंग से जुड़ी मुख्य बातें
डेरी फार्म शुरू करने के लिए सबसे पहले उचित पशुओं का चयन करना महत्वपूर्ण होता है जैसे कि उच्च दुग्ध उत्पादन वाली गाय या भैंसें। सरकार की योजना के तहत चारा, दवाइयों और डेरी उपकरणों पर भी सहायता दी जाती है। किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है जिससे वे आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके दूध उत्पादन बढ़ा सकें। डेरी फार्मिंग में स्थिर आय की संभावना अधिक होती है क्योंकि दूध और उससे जुड़े उत्पादों की मांग पूरे साल बनी रहती है। सरकार की यह योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बना रही है।